G20 2023 Summit: पटना: बिहार सरकार ने अगले साल मार्च में राज्य में होने वाली जी-20 ‘वार्ता समूहों’ की बैठकों की तैयारी शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पर्यटकों के आकर्षण को दर्शाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. भारत ने गुरुवार को एक साल के लिए जी20 की अध्यक्षता संभाली है. भारत अगले साल पहली बार G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और पटना सहित विभिन्न स्थानों पर 200 बैठकें आयोजित करेगा.
बिहार के कला व संस्कृति विभाग की सचिव बंदना प्रेयशी ने कहा, “बिहार के गौरवशाली अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का यह एक बड़ा अवसर है. राज्य ने अपनी कला और शिल्प के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल की है.” उन्होंने कहा कि ये बैठकें अगले साल 6 और 7 मार्च को पटना और राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर होंगी.
प्रेयशी ने कहा, “बिहार में वार्ता समूहों की प्रत्येक बैठक के कार्यक्रम के बारे में विवरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है और हम जल्द ही प्रस्तावित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत सूची भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) को भेजेंगे.” उन्होंने बताया कि बैठकों के बीच राज्य के लोकप्रिय लोक संगीत और नृत्य को प्रदर्शित करने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लुप्त हो रही कला भी शामिल है.
इस बीच, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित बिहार में 8 स्मारक G20 ‘लोगो’ के साथ प्रदर्शित होने के लिए पूरे भारत से चुने गए 100 स्मारकों में शामिल किए गए हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, पटना क्षेत्र की अधीक्षण पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने बताया कि इनमें नालंदा महाविहार, सोन भंडार की गुफाएं, सुजाता स्तूप, विक्रमशिला महाविहार, शेरशाह सूरी का मकबरा, कोल्हुआ स्तूप और केसरिया स्तूप शामिल हैं.
(इनपुट:पीटीआई-भाषा)
ये भी पढ़ें- Sarkari Naukri: बिहार में मद्य निषेध सिपाही की 689 वैकेंसी, आवेदन 14 दिसंबर तक