Bihar News: बिहार में शेखपुरा जिले के मिल्कीचक गांव के लोग ‘अनारकली’ की मौत के बाद मायूस हैं. अनारकली की मौत के बाद पूरे गांव की आंखें नम हैं. अनारकली की मौत के बाद उसकी अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ और उसको सम्मानजनक विदाई दी गई. दरअसल, अनारकली एक हथिनी का नाम था, जो बरबीघा प्रखंड अंतर्गत केवटी पंचायत के मिल्कीचक गांव के सूर्यमणि सिंह को बतौर गिफ्ट शादी में मिली थी. सूर्यमणि सिंह को उनके ससुर ने 1978 में ये हाथी 10 हजार रुपए में खरीदकर शादी में गिफ्ट किया था. तब से सूर्यमणि उसका अपने बच्चों की तरह ख्याल रखते थे.
दहेज में मिली हथिनी का नाम अनारकली रखा गया था, जिसकी सोमवार को मौत हो गई. अनारकली जैसे बैठी थी, उसी स्थिति में उसने अंतिम सांस ली. इसके बाद जेसीबी की मदद से शव को उठाया गया. अंतिम संस्कार के लिए अनारकली को दुल्हन की तरह सजाया गया. जिस जगह वह रहती थी उसके पास ही गड्ढ़ा खोदकर पूरे रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया. सूर्यमणि सिंह ने मेहूस गांव में सुंदर सिंह कॉलेज, पावर ग्रीड, हाई स्कूल और सरकारी अस्पताल के लिए अपनी जमीन सरकार को दान दे दी. सूर्यमणि सिंह के ससुर की इच्छा थी कि बेटी की शादी में अपने दामाद को हाथी गिफ्ट करेंगे.
हथिनी का पार्थिव शरीर जेसीबी की मदद से उठाया गया. किसान सूर्यमणि सिंह के हाथीखाना और उनके दलान के बगल में उसका अंतिम संस्कार किया गया. जिले की शान रही 46 साल की अनारकली की मौत से पूरे जिले में गम का माहौल छा गया है. हथिनी की मौत के बाद उसका महावत मोहम्मद फईमउद्दीन भी मायूस है. अनारकली पिछले 44 वर्षों से जाने-माने किसान सूर्यमणि सिंह के घर की शोभा बढ़ा रही थी. उसकी मौत होने से महावत और मालिक का पूरा परिवार भी सदमे में है.
(इनपुट-आईएएनएस)