Defence Expo 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रक्षा उपकरण जगत में नई पीढ़ी के उद्यमियों को आश्वासन दिया कि रक्षा खरीद में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रक्षा बजट का 68 प्रतिशत स्वदेशी उत्पादों के लिए रखा गया है. गुजरात में डिफेंस एक्सपो 2022 का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारतीय सैन्य उड़ान योग्यता प्रक्रियाओं (आईएमएपी), एचटीटी -40, भारतीय रक्षा मार्ट और रक्षा अंतरिक्ष एमएसएन को भी लॉन्च किया. इसके अलावा, डीईईएसए एयर फील्ड के लिए आधारशिला रखी.
मोदी ने कहा कि भारत पिछले आठ सालों से ज्यादातर देशों को रक्षा सामग्री और उपकरण एक्सपोर्ट कर रहा है. भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 1.59 अरब डॉलर हो चुका है. आने वाले समय में हमने इसे 5 अरब डॉलर रखने का लक्ष्य रखा है. ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसे बेस्ट टेक्नोलॉजी मिसाइल कैटेगरी में रखा गया है और कई देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है. तीनों डिफेंस विंग और स्वदेशी कंपनियों के इनोवेशन को वैश्विक युद्ध सामग्री में शामिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत, हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ और टैंक व स्वदेशी लड़ाकू बंदूकें भारत का गौरव हैं.
मोदी ने कहा, “आने वाले वर्षो में, अंतरिक्ष कूटनीति भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी. भारत अपने स्पेस टेक्नोलॉजी को 60 विकासशील देशों के साथ साझा कर रहा है. समुद्री सुरक्षा एक वैश्विक प्राथमिकता है और भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा में पहल की है. जिसमें 46 मित्र देश इस पर काम कर रहे हैं.” डेफएक्सपो-2022 के इन चार दिनों के दौरान लगभग 450 समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा, “पहले कबूतर निकलते थे, अब चीता छोड़े गए, यही सरकार का फर्क है.” उन्होंने कहा, “हमारा बहुमत बजट रक्षा उपकरणों के आयात में जा रहा था, अब समय बदल गया है. तीनों डिफेंस विंगों ने 411 उपकरणों की सूची बनाई है, जो घरेलू निर्माताओं से खरीदे जाएंगे, अब केवल चुनिंदा वस्तुओं का ही आयात किया जाएगा.”
(इनपुट-आईएएनएस)