पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय ने मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को नवादा जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के खिलाफ पेश किए गए सबूतों की सत्यता की जांच करने के निर्देश दिए हैं. नवादा जिले के पुलिस अधीक्षक पर पांच पुलिसकर्मियों को दो घंटे तक लॉकअप में रखने का आरोप है. बिहार पुलिस एसोसिएशन ने एसपी के खिलाफ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की है.
बिहार पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री ने दर्ज कराई थी शिकायत
अपर पुलिस महानिदेशक अनिल किशोर यादव द्वारा मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विनय कुमार को जारी पत्र में कहा गया है, ‘‘यदि सबूत प्रामाणिक पाए जाते हैं, तो नवादा एसपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.’’ एडीजी ने आईजी को सात कार्य दिवसों के भीतर मामले की जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं. बिहार पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री कपिलेश्वर पासवान ने उक्त शिकायत दर्ज कराई थी.
हाजत के अंदर रखे गए पुलिसकर्मी एससी-एसटी समुदाय से
पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने एसपी के खिलाफ एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि हाजत के अंदर रखे गए पुलिसकर्मी इन दो समुदायों के हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘घटना के तुरंत बाद हमें अपनी नवादा शाखा से सूचना मिली. यह अपनी तरह की पहली घटना है और इससे बिहार पुलिस की छवि धूमिल हो सकती है.’’ कथित घटना नवादा जिले के एक थाने में हुई जहां नौ सितंबर को एसपी गौरव मंगला अवर निरीक्षकों और सहायक अवर निरीक्षकों और के प्रदर्शन से असंतुष्ट थे.
(इनपुट-भाषा)