Monday, October 21, 2024
spot_img
More
    HomeनेशनलMann Ki Baat: पीएम मोदी ने लोगों से की कुपोषण मिटाने के...

    Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने लोगों से की कुपोषण मिटाने के प्रयासों में भाग लेने की अपील

    PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से कुपोषण उन्मूलन के प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि इस मुद्दे से निपटने में सामाजिक जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. उन्होंने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आपको कुपोषण से जुड़े इतने सारे नवोन्मेषी प्रयोगों के बारे में बता रहा हूं, क्योंकि आने वाले महीने में हम सभी को भी इस अभियान से जुड़ना है. सितंबर का महीना त्योहारों के साथ-साथ पोषण से जुड़े एक बड़े अभियान को समर्पित है. हम मानते हैं कि हर साल 1 से 30 सितंबर तक कुपोषण के खिलाफ पूरे देश में कई रचनात्मक और विविध प्रयास किए जा रहे हैं.”

    यह देखते हुए कि प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग और जन भागीदारी भी पोषण अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, पीएम ने कहा कि देश में लाखों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल डिवाइस उपलब्ध कराने से लेकर आंगनवाड़ी सेवाओं की पहुंच की निगरानी के लिए एक पोषण ट्रैकर भी लॉन्च किया गया है. उन्होंने कहा, “सभी ‘आकांक्षी जिलों’ और उत्तर पूर्व के राज्यों में 14 से 18 साल की लड़कियों को भी ‘पोषण अभियान’ के दायरे में लाया गया है. कुपोषण की बीमारी का समाधान सिर्फ इन्हीं तक सीमित नहीं है. इस लड़ाई में कई अन्य पहल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. सामाजिक जागरूकता के प्रयास कुपोषण की चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मैं आप सभी से आगामी पोषण माह में कुपोषण उन्मूलन के प्रयासों में भाग लेने का आग्रह करूंगा.”

    पीएम ने आगे उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ घोषित करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है और भारत के इस प्रस्ताव को 70 से अधिक देशों ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा, “आज विश्वभर में इन अत्यंत मोटे अनाजों, मोटे अनाजों का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है. बाजरा, मोटे अनाज आदि प्राचीन काल से ही हमारी कृषि, संस्कृति और सभ्यता का अंग रहे हैं. बाजरा का उल्लेख हमारे वेदों में मिलता है और इसी प्रकार इनका उल्लेख पुराणनुरु और तोलकाप्पियम में भी मिलता है. देश के किसी भी हिस्से में जाएं तो वहां के लोगों के खाने में आपको अलग-अलग तरह के बाजरा जरूर मिलेंगे. बाजरा में भी हमारी संस्कृति की तरह ही काफी विविधता पाई जाती है.”

    मोदी ने कहा कि भारत विश्व में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है और इसलिए इस पहल को सफल बनाने की जिम्मेदारी भी भारतीयों के कंधों पर है. उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर इसे एक जन आंदोलन बनाना है और देश के लोगों में बाजरा के बारे में जागरूकता भी बढ़ानी है. आप अच्छी तरह से जानते हैं, बाजरा भी किसानों और खासकर छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है. दरअसल, फसल बहुत कम समय में तैयार हो जाती है और इसके लिए ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं होती है. हमारे छोटे किसानों के लिए, बाजरा विशेष रूप से फायदेमंद है. बाजरा घास को भी सबसे अच्छा चारा माना जाता है.”

    प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मोटापा कम करने के साथ-साथ बाजरा मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है और पेट और यकृत की बीमारियों को रोकने में भी सहायक होता है. उन्होंने कहा, “हमने अभी कुछ समय पहले कुपोषण का जिक्र किया था. बाजरा कुपोषण से लड़ने में भी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि वे ऊर्जा के साथ-साथ प्रोटीन से भरे होते हैं. आज देश में बाजरा को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है. अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के साथ और इससे संबंधित नवाचार, एफपीओ को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके.”

    (इनपुट-आईएएनएस)

    ये भी पढ़ें- Female Robot: महिला रोबोट ले रही है स्टूडेंट्स की क्लास, 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments