Ghulam Nabi Azad Resigns: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोनिया गांधी को अपने इस्तीफे का पत्र भेजा है. जिसमें सबसे सख्त बयान राहुल गांधी को लेकर है. गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी और उनके करीबी नेताओं को दोषी ठहराया है. साथ ही पूरी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को एक ‘मजाक और दिखावा’ करार दिया है.
आजाद ने कहा, देश में कहीं भी संगठन के स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं. एआईसीसी के चुने हुए लेफ्टिनेंटों को 24 अकबर रोड में एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर हुए धोखा के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, क्या भारत की आजादी के 75वें वर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इसके लायक है, यह एक ऐसा सवाल है जो एआईसीसी नेतृत्व को खुद से पूछना चाहिए.
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी से कहा कि निस्संदेह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में आपने यूपीए -1 और यूपीए -2 दोनों सरकारों के गठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस सफलता का प्रमुख कारण यह था कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में आपने वरिष्ठ नेताओं के बुद्धिमान परामर्श पर ध्यान देने के अलावा उनके निर्णय पर भरोसा जताया और उन्हें शक्तियां सौंपी.
आजाद ने सोनिया को लिखे अपने पत्र में आगे कहा कि हालांकि दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद और विशेष रूप से जनवरी, 2013 के बाद जब उन्हें आपके द्वारा उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया, तो उन्होंने पहले मौजूद संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया और सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेता को दरकिनार कर दिया. उनकी जगह अनुभवहीन चाटुकारों की नई मंडली को पार्टी के मामलों को चलाने का अधिकार सौंपा गया.
(इनपुट-आईएएनएस)