Shravan 3rd Somvar 2022: सावन के पवित्र महीने के तीसरे सोमवार को देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सावन का महीना (Sawan Month) सबसे शुभ माना जाता है. सावन का महीना भगवान शिव (Bhagwan Shiv) को समर्पित है जिनकी इस महीने में पूजा की जाती है. सावन माह में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालु उपवास रखते हैं.
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन महीने के तीसरे सोमवार को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश के भक्त उपवास रखते हैं. उनका मानना है कि ऐसा करने से सर्वशक्तिमान प्रसन्न होंगे और बदले में वह उन्हें ज्ञान और धैर्य के धन का आशीर्वाद देंगे. कुछ भक्त इस दिन को वरद विनायक चतुर्थी भी कहते हैं. वरद शब्द का अर्थ है- भगवान से भक्त की इच्छाओं को पूरा करने के लिए कहना.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के बाहर सावन महीने के तीसरे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए जमा हुए. कार्यक्रम स्थल पर मौजूद एक भक्त ने बताया, “अनुष्ठान शुरू करने से पहले, मंदिर को गंगाजल से साफ किया जाता है. उसके बाद, भगवान शिव और भगवान गणेश की मूर्ति के सामने एक दीपक जलाया जाता है. फिर हम देवता की पूजा करते हैं.”
देखा गया कि सावन माह के तीसरे सोमवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ के औघड़नाथ मंदिर (Augharnath Temple) में भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. मेरठ मंदिर में एक भक्त ने कहा, “आज एक शुभ दिन है. हम यहां बाबा भोलेनाथ (भगवान शिव) की पूजा करने आए हैं. मुझे उम्मीद है कि वह मेरे परिवार को अपनी शुभकामनाएं देंगे.”
राष्ट्रीय राजधानी (Delhi) में बाबा खड़क सिंह मार्ग के पास एक शिव मंदिर में भी ऐसी ही भीड़ देखी गई. विशेष रूप से, मंदिर के बाहर मंदिर के अधिकारियों ने भक्तों को COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह देते हुए एक नोटिस लगाया है. इसके अलावा, भक्त ‘सावन’ महीने के तीसरे सोमवार को दिल्ली के चांदनी चौक स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. उत्तराखंड राज्य में भी भक्तों ने उत्साह के साथ पूजा-अर्चना की. हरिद्वार के शिव मंदिर में भी सावन माह के तीसरे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. सावन के तीसरे सोमवार को बिहार के कई जिलों के छोटे-बड़े शिव मंदिरों में भक्तों की खासी भीड़ देखी गई.
गौरतलब है कि कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण दो साल के अंतराल के बाद इस साल कांवड़ (Kanwar Yatra) यात्रा फिर से शुरू हो गई है. पवित्र तीर्थयात्रा के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए कई क्षेत्रों के प्रशासन द्वारा आवश्यक उपाय किए गए हैं.
(इनपुट-एएनआई)