Sunday, October 20, 2024
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    Bihar Politics: बिहार एनडीए में खींचतान के लिए कुशवाहा ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार

    पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जनता दल यूनाइटेड (JDU) के एक शीर्ष नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने सोमवार को स्पष्ट रूप से सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इस धारणा के लिए जिम्मेदार ठहराया कि राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सब कुछ ठीक नहीं है. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के इस दावे को लेकर उनकी आलोचना की कि बिहार तेजी से राष्ट्र विरोधी आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पार्टियों के बीच कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. लेकिन भाजपा नेताओं के बयान अक्सर गलत धारणा को जन्म देते हैं.’’

    जदयू-भाजपा संबंधों के बारे में सवालों के जवाब में कुशवाहा ने कहा कि सहयोगी दल के नेताओं को अनर्गल बयान देने से बचना चाहिए. बिहार में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ की पृष्ठभूमि में जायसवाल (Sanjay Jaiswal) द्वारा पिछले हफ्ते की गई टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जदयू नेता ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “वह जिस तरह से बोलते हैं, ऐसा लगता है कि उन्हें तथ्यों के बारे में प्रशासन से अधिक मालूम है. यदि ऐसा है तो उन्हें यह अधिकारियों के साथ साझा करना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि उन पर संवेदनशील जानकारी छिपाने का आरोप लग जाए.”

    कुशवाहा ने कहा, “हमें बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि मॉड्यूल का भंडाफोड़ किसी बड़े खतरे का कारण नहीं है. अतीत में कई अन्य राज्यों में इस तरह के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है. प्रशासन को जितनी जानकारी है, उस पर कार्रवाई हो रही है. इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी. अमन-चैन कायम रहे, इसके लिए सरकार हर तरह से काम कर रही है.” जायसवाल की इन टिप्पणियों को सबसे लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार के प्रशासन पर सवाल उठाने के एक और प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इससे पहले, उन्होंने केंद्रीय धन का उपयोग करने में विफलता, भाजपा नेताओं को निशाना बनाने वाले अग्निपथ प्रदर्शनकारियों पर अपर्याप्त पुलिस कार्रवाई और जनसंख्या नियंत्रण के उपाय करने में अनिच्छा जैसे मुद्दों पर सरकार की आलोचना की थी.

    कुशवाहा ने मीडिया के एक वर्ग की इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि नीतीश का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होने का फैसला भाजपा से उनकी नाराजगी के कारण लिया गया था. उन्होंने कहा, “हरेक कार्यक्रम में हरेक व्यक्ति शामिल हो, इसकी जरूरत नहीं होती. राष्ट्रपति का चयन हो चुका है. शपथ ग्रहण औपचारिकता मात्र है. मुख्यमंत्री या कोई अन्य व्यक्ति नहीं जा रहा, यह गौर करने का विषय नहीं होना चाहिए. उनका न जाना सामान्य बात है, क्योंकि मुख्यमंत्री के पास बहुत काम रहता है.” केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे पार्टी के बड़े नेताओं के इस सप्ताह के अंत में राज्य के प्रस्तावित दौरे के बारे में पूछे जाने पर कुशवाहा ने कहा, ‘‘इससे हमें कोई सरोकार नहीं है. वे अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम के लिए आ रहे हैं. बिहार में सबसे बड़े नेता नीतीश कुमार हैं, इसमें कोई शक नहीं है.’’

    जदयू नेता ने पूर्व में दावा किया था कि नीतीश बिहार में तब तक राजग का नेतृत्व करेंगे, जब तक राज्य में गठबंधन है. उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल, जो 2025 में समाप्त होगा, बिना किसी बाधा के पूरा करेंगे. हालांकि, जब कुशवाहा से पूछा गया कि क्या दोनों दल 2024 के लोकसभा चुनाव और एक साल बाद 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले समय में क्या होगा, इसकी भविष्यवाणी कौन कर सकता है.

    (इनपुट-भाषा)

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