पटना: बिहार में पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को अब घर-घर से खोजकर उन्हें नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, साथ ही उनके अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जा रही है. बताया गया है कि सरकारी विद्यालयों से आठवीं पास करने के बाद कई छात्र नौवीं में नामांकन नहीं लेते हैं और पढ़ाई छोड़ देते हैं. ऐसे ही छात्रों के लिए सरकार ने प्रवेशोत्सव अभियान चलाकर उन्हें फिर से स्कूल पहुंचाने का निर्णय लिया है.
शिक्षा विभाग अब ऐसे छात्र, छात्राओं की घर-घर खोज कर रही है. नौवीं में दाखिला नहीं लेने वाले ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग की जा रही है. उन्हें पढ़ाई का न सिर्फ महत्व बताया जा रहा है, बल्कि हर हाल में ऐसे बच्चों का नौवीं में दाखिला कराए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए सरकार एक अभियान चला रही है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को राज्यभर में नौवीं में दाखिले के लिए ‘प्रवेशोत्सव-विशेष नामांकन अभियान-2022’ शुरू किया है, जो 15 जुलाई तक चलेगा.
शिक्षा मंत्री ने पटना जिले के विभिन्न प्रखंडों के लोगों को जागरूक करने के लिए नामांकन रथ रवाना किया. उन्होंने कहा कि आठवीं के बाद 18 प्रतिशत छात्राएं और 17 प्रतिशत छात्र नौवीं में दाखिला नहीं लेते हैं. इन सभी बच्चों को चिह्नित कर इस अभियान के दौरान उन्हें प्रेरित करते हुए दाखिला कराना सुनिश्चित किया जाएगा.
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि 8वीं पास विद्यार्थियों का 9वीं कक्षा में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के लिए यह प्रवेश उत्सव चलाया जा रहा है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए समाज के सभी वर्गो, जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों और अभिभावकों से का आह्वान किया गया है. इसके प्रचार-प्रसार के लिए कला जत्था युक्त नामांकन रथ को प्रखंडों में भेजा गया है. 15 जुलाई तक यह विशेष नामांकन अभियान चलाया जाना है. इसके लिए जिलास्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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