पटना: अगर आप बिहार से बाहर रहते हैं और बिहार के दक्ष शिल्पकारों और बुनकरों के बनाए सामान खरीदने चाहते हैं तो अब आप देश-विदेश के किसी भी कोने से इसकी ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं. विश्व की दो मुख्य ई-शॉपिंग कंपनी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ बिहार के उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान और खादी मॉल का समझौता हुआ है.
बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के ई-कॉमर्स वेबसाइट का लोकार्पण करते हुए कहा कि बिहार का हस्तशिल्प दुनिया के कोने-कोने में पहुंचेगा. पहले बिहार दुनिया के लिए बाजार रहा. ई-कॉमर्स के माध्यम से सारी दुनिया बिहार के लिए बाजार बनेगी. उन्होंने बताया कि विश्व की दो मुख्य ई-शॉपिंग कंपनी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ भी उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान और खादी मॉल का समझौता हुआ. समझौता पत्र पर हुसैन की उपस्थिति में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक आलोक कुमार और फ्लिपकार्ट के ईस्ट इंडिया निदेशक आकाश मित्रा ने हस्ताक्षर किए.
हुसैन ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल पर बिहार के 60 शिल्पकारों के 250 से अधिक प्रोडक्ट लिस्ट किए जा चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे कलाकार और शिल्पियों के सामान को उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान द्वारा नि:शुल्क पटना लाया जा रहा है और फिर संस्थान के माध्यम से उसे ग्लोबल बाजार में भेजने की व्यवस्था की जा रही है. उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार की खादी को भी दुनिया के हर कोने पर पहुंचाया जाएगा. खादी मॉल का भी फ्लिपकार्ट और अमेजन के साथ समझौता हो गया है.
उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान में समर कैंप के दौरान बच्चो को टिकुली कला, पेपर मेशी, मधुबनी पेंटिंग, जूट क्राफ्ट, टेराकोटा, सिक्की कला के साथ समकालीन कला का प्रशिक्षण दिया गया. संस्थान के निदेशक आलोक कुमार ने बताया कि संस्थान में 6 माह के नि:शुल्क हस्तशिल्प का प्रशिक्षण भी जुलाई से शुरू हो रहा है. प्रशिक्षण कोर्स के लिए पहले 98 सीटें थी, जिसे बढ़ाकर 176 कर दिया गया है. निदेशक ने बताया कि पिछले वर्ष 14 विधाओं में प्रशिक्षण दिया गया था जबकि इस वर्ष 17 विधाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस वर्ष संस्थान में मंजूषा कला, सुजनी कला और गुड़िया क्राफ्ट के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है.
(इनपुट-आईएएनएस)