Friday, November 22, 2024
spot_img
More
    Homeराज्यबिहारBihar News: बिहार में अफीम माफियाओं पर एक्शन, 620 एकड़ की फसल...

    Bihar News: बिहार में अफीम माफियाओं पर एक्शन, 620 एकड़ की फसल को किया गया नष्ट

    पटना: सुरक्षाबलों ने पिछले एक साल में बिहार के तीन जिलों में 620 एकड़ भूमि में अफीम की फसल को नष्ट कर दिया है. राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि जमुई, औरंगाबाद और गया के नक्सल प्रभावित इलाकों में अफीम की खेती नक्सल समूहों के लिए राजस्व सृजन का एक प्रमुख स्रोत बन रही है.

    तीन वर्षों में 1674 एकड़ की फसल नष्ट
    अधिकारी ने कहा कि निरंतर प्रयासों से इन तीन जिलों में अफीम की खेती को नियंत्रित करने में कामयाबी मिल रही है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 620 एकड़ में फैली फसल को नष्ट कर दिया गया है. वहीं, 2020-21 में 584 एकड़ भूमि में और 2019-20 में 470 एकड़ भूमि में फसलों को नष्ट किया गया था.

    घने जंगलों में रहते हैं खेती में शामिल लोग
    बता दें कि अफीम की खेती की तैयारी मानसून सत्र के बाद शुरू होती है, जबकि खेती का आदर्श समय जनवरी से मार्च के बीच होता है. अफीम की अवैध खेती में शामिल लोग आमतौर पर जमुई, औरंगाबाद और गया के घने जंगलों में रहते हैं. जमुई जिले में सिकंदरा का घना जंगल और गया में धनगई व बाराचट्टी क्षेत्र अफीम की खेती के लिए बदनाम हैं.

    हथियार और गोला-बारूद खरीदने में होता है राजस्व का इस्तेमाल
    अधिकारी ने बताया कि अफीम की खेती आम तौर पर इन क्षेत्रों के गरीबों द्वारा की जा रही है जो नक्सल समूहों द्वारा संरक्षित हैं. चूंकि, अधिकांश भूमि राज्य सरकार की संपत्तियां हैं जो वन क्षेत्रों के अंतर्गत आती हैं, इसके लिए किसी भी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराना बेहद मुश्किल है. इसलिए, अधिकतम स्तर पर फसलों को नष्ट करने के लिए कृषि सत्रों के दौरान क्षेत्रों में बल जुटाने की पहल की जाती है. अधिकारी ने कहा कि यह नक्सल अर्थव्यवस्था को चलाने का एक प्रमुख स्रोत है. अफीम की खेती से होने वाले राजस्व का इस्तेमाल हथियार और गोला-बारूद खरीदने में किया जाता है.

    (इनपुट-आईएएनएस)

    ये भी पढ़ें- Bihar News: लालू यादव के साले साधु यादव को तीन साल की सजा, 21 वर्ष पुराना मामला

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments