पटना: बिहार सरकार ने जमुई जिले में देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार के अन्वेषण की अनुमति देने का फैसला किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के एक सर्वे के अनुसार, जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क समेत लगभग 22.28 करोड़ टन सोने का भंडार मौजूद है.
जमुई के इन क्षेत्रों में सोने की मौजूदगी के मिले थे संकेत
अतिरिक्त मुख्य सचिव सह खान आयुक्त हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि राज्य का खान और भूतत्व विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज के लिए जीएसआई और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) सहित अन्वेषण में शामिल एजेंसियों के साथ परामर्श कर रहा है. उन्होंने बताया कि जीएसआई के निष्कर्षों का विश्लेषण करने के बाद परामर्श प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसमें जमुई जिले के करमाटिया, झाझा और सोनो जैसे क्षेत्रों में सोने की मौजूदगी के संकेत मिले थे.
एक महीने में हो सकता है समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
बम्हरा ने कहा कि राज्य सरकार एक महीने के भीतर जी-3 (प्रारंभिक) चरण के अन्वेषण के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर सकती है. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में जी-2 (सामान्य) श्रेणी की खोज भी की जा सकती है. केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले साल लोकसभा में कहा था कि भारत के सोने के भंडार में बिहार का सबसे बड़ा हिस्सा है.
बिहार में 22.28 करोड़ टन स्वर्ण धातु
एक लिखित जवाब में प्रह्लाद जोशी ने बताया था कि बिहार में 22.28 करोड़ टन स्वर्ण धातु है, जो देश के कुल सोने के भंडार का 44 प्रतिशत है. केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि नेशनल मिनरल इन्वेंटरी के मुताबिक, देश में 1 अप्रैल 2015 को प्राथमिक स्वर्ण अयस्क के कुल संसाधन 654.74 टन के साथ स्वर्ण धातु 50.18 करोड़ टन होने का अनुमान है और इसमें से बिहार के पास 22.28 करोड़ टन (44 प्रतिशत) अयस्क है, जिसमें 37.6 टन धातु है.
(इनपुट भाषा)
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