Thursday, November 21, 2024
spot_img
More
    Homeराज्यबिहारBihar: तालाब से गाद निकालने के दौरान मिलीं 1200 साल पुरानी मूर्तियां,...

    Bihar: तालाब से गाद निकालने के दौरान मिलीं 1200 साल पुरानी मूर्तियां, ASI ने की कब्जे में लेने की मांग

    Bihar News: पटना: प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास एक तालाब से गाद निकालने के दौरान करीब 1200 साल पुरानी पत्थर की दो मूर्तियां मिली हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. जल और पर्यावरण की रक्षा व संरक्षण के लिए बिहार सरकार की ‘जल-जीवन-हरियाली’ परियोजना के तहत इस सप्ताह की शुरुआत में प्राचीन नालंदा महाविहार के पास सरलीचक गांव के तारसिंह तालाब से गाद निकालने के दौरान ये मूर्तियां मिलीं. पटना से लगभग 88 किलोमीटर दूर यह स्थान एक विश्व धरोहर स्थल है. हालांकि, न तो एएसआई और न ही प्रशासन ने मूर्तियों की विस्तृत जानकारी दी है.

    एएसआई, पटना सर्कल की अधीक्षण पुरातत्वविद् गौतमी भट्टाचार्य ने बताया कि ऐसी खबरें हैं कि जब क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को मूर्तियों की खोज के बारे में पता चला, तो उन्होंने इन्हें रखने के लिए एक मंदिर बनाने की योजना बनानी शुरू कर दी. हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या प्रशासन द्वारा दोनों मूर्तियों का विवरण नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘वहां तैनात हमारे अधिकारियों को इसके बारे में पता चला और उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी.’’ भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हम उन्हें नालंदा संग्रहालय में प्रदर्शित करना चाहते हैं. मैंने राज्य सरकार से भारतीय ट्रेजर ट्रोव अधिनियम, 1878 के प्रावधानों के अनुसार इन मूर्तियों को तुरंत सौंपने का अनुरोध किया है.’’

    अधिकारी ने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि सतह के नीचे पाए जाने वाले किसी भी पुरावशेष को आमतौर पर स्थानीय लोगों द्वारा पास के मंदिर या अन्य धार्मिक स्थलों पर ले जाया जाता है. लेकिन जब भी कोई पुरावशेष या कलाकृतियां 10 रुपये के मूल्य से अधिक पाई जाती हैं, तो भारतीय खजाना निधि अधिनियम, 1878 के अनुसार उन्हें खोजने वाले द्वारा निकटतम सरकारी खजाने में जमा किया जाना चाहिए. सरकार की ओर से संबंधित जिले के कलेक्टर के पास खजाना हासिल करने की शक्ति है.’’ भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही राज्य सरकार को पत्र लिखा है और संबंधित अधिकारियों से अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराने का अनुरोध किया है, ताकि खजाने को जिला प्रशासन के संरक्षण में जमा किया जा सके.’’

    इस खोज के बारे में पूछे जाने पर नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा, ‘‘मुझे इसके बारे में पता चला है और मामले की जांच की जा रही है.’’ एक साल पहले इसी तालाब में पाल काल की नाग देवी की 1,300 साल पुरानी मूर्ति मिली थी. इसे नालंदा में एएसआई संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है. नालंदा महाविहार स्थल में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 13वीं शताब्दी ईस्वी तक के मठवासी और शैक्षिक संस्थान के पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं. इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षिक भवन) और चूना, पत्थर व धातु की महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं.

    (इनपुट:पीटीआई-भाषा)

    ये भी पढ़ें- Unique Marriage: एक्सीडेंट ने प्रेमी जोड़े को बनाया पति-पत्नी, अस्पताल बेड पर लड़के ने भरी लड़की की मांग

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments